रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
हे निशाँ केशरिया…2
चली भक्त की टोली टोली
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
हे निशाँ केशरिया…2
चली भक्त की टोली टोली
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
आयो महीनो फागुन को रात
ग्यारस की जगह को श्याम
भगत ने मिल गयो मौको
खाटू नगर में नाचण को….2
कोई ले चल्या साथी और
कोई सहेली संग चली हे
निशाँ केशरिया…2
चली भक्त की टोली टोली
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
पापा मम्मी संग मण्डली
गाडी में कीर्तन गता…2
दादी संग चली पोती
दादी संग चली पोती
इंजन की बोले सिटी
भक्त की बजे ढपली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
अब रींगस तक जाना है और
गाडी पहुच गयी है दिल्ली
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
हे निशाँ केशरिया…2
चली भक्त की टोली
टोली रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
ले निशां टाबर चला टाबर खाटु पहुच गया
कहे रमेष मेरा श्याम रंगीला
सब भक्तों पर करे दया…2
कोई ले गया…..
कोई ले गया
भर झोला कोई ले गया भर झोली
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
हे निशाँ केशरिया…2
चली भक्त की टोली
टोली रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली…2
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Rel chali re bhai rel chali chuk chuk karti rel chali,रेल रेल चली रे भाई रेल चलीछुक छुक करती रेल चली,shyam bhajan
रेल रेल चली रे भाई रेल चली
छुक छुक करती रेल चली