तर्ज – ज्योत से ज्योत
ज्योत को शीश नवाओं सभी, गुण मैया जी के गाओं सभी ।।
इस ज्योति को देवता पूजे, और पूजे जग सारा, स्वर्ग से सुन्दर बड़ा ही प्यारा, अम्बे माँ का द्वारा। द्वार की शोभा बढ़ाओ सभी, गुण मैया जी के गाओं सभी ।
ज्योत को शीश नवाओं सभी, गुण मैया जी के गाओं सभी ।।
इस ज्योति से चांदनी लेके, चमके चाँद सितारें, शिव भोले और विष्णु ध्याये, ब्रम्हा वेद उचारे। ज्योत के दर्शन पाओं सभी, गुण मैया जी के गाओं सभी ।
ज्योत को शीश नवाओं सभी, गुण मैया जी के गाओं सभी ।।
जिसमे घर में माँ की ज्योत जगे है, दुखड़े दूर है भागे। ज्योत से जो भी मांगो मिलता, खाली कभी ना मोड़ें। ‘बलविंदर’ गुण गाओं सभी,
गुण मैया जी के गाओं सभी ।।
ज्योत को शीश नवाओं सभी,
गुण मैया जी के गाओं सभी ।।