ऐ पांचको रे बोल्को पच्चीस रे साड़ी,
तू ओढले ने जोगन माँ नखराली ये, घूँघट में दिखे नथ बाली।
नथ बाली ये थारी मोर बाली।घूँघट में दिखे नथ बाली।
शहर जयपुर सू सालोड़ो मैं लायो
सालोड़ो का तारा जड़ाया भारी
तू ओढले ने जोगन माँ नखराली ये।घूँघट में दिखे नथ बाली।
शहर या सिंध से कन्दोरो घड़ायो
कन्दोरो के सटको लगायो भारी
थे ठुमक ठुमक चाले महारानी।घूँघट में दिखे नथ बाली।तू ओढले ने जोगन माँ नखराली ये, घूँघट में दिखे नथ बाली।
शहर भीलवाड़ा सू नथडी घड़ाई
नथडी के नगिनो लगायो भारी
थे ओढ़लो मनका महारानी
ये पहन लेनो जोगनिया महारानी।घूँघट में दिखे नथ बाली।तू ओढले ने जोगन माँ नखराली ये, घूँघट में दिखे नथ बाली।
गाँव रे सधवासी वीरो आयो
ये नारायण जी ने दर्शन दिखादे म्हारी माँ
घूँघटा में देखे थारी नथ बाली।घूँघट में दिखे नथ बाली।तू ओढले ने जोगन माँ नखराली ये, घूँघट में दिखे नथ बाली।