माँ मैं तेरा लाडला,
ऊँगली पकड़ के ले आई मुझे, नौरात्रि में बुलाई मुझे, माँ ओ मेरी माँ मै तेरा लाडला ।।
देखी ऐसी जन्नत ना देखी और कहीं, तेरी वैष्णो नगरी है दुनिया से हंसी, रखना मुझे चरणों तले पूजा करूँ तेरी, तेरे बिना तू ही बता क्या ज़िन्दगी मेरी, मैं तो तेरे बाँहों की गोद में पला माँ ओ मेरी माँ मै तेरा लाडला।।
हार के जब राह में मैं थक गया था माँ, आके उसी पल तूने पकड़ा मेरा हाथ, ऐसी दया किस भाव पे मैया जो तूने किया, ऐसी ख़ुशी दे दी मुझे अपना बना लिया, तू नहीं तो दुनिया में कुछ नहीं मेरा, माँ ओ मेरी माँ मै तेरा लाडला ।।
कैसे करूँ शुक्रिया ये तो बता, किस जनम का मैया उपकार ये किया, दुनिया मेरी बदलने लगी जो साथ तू मेरे, साथी कोई तुमसे नहीं ‘संजीव’ ये कहे, प्रेम ये तुम्हारा हो कभी ना कम, माँ ओ मेरी माँ मै तेरा लाडला ।।
ऊँगली पकड़ के ले आई मुझे, नौरात्रि में बुलाई मुझे,माँ ओ मेरी माँ,माँ मैं तेरा लाडला, मैं तेरा लाडला ।।