Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Mere man ki udi patang pakad lo shyam patang ki dor,मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,shyam bhajan

मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,

मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,
अटके न भटके कही उड़े ये ब्रजमंडल की और,



सच्चे कर्मो की चरखी में भाव का भर के धागा,
जिधर तू चाहे उधर तू उदा ले इतना ही हमने माँगा,
इसे काटना पाये कोई जितना लगा ले जोर,
मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,



अरमानो के अंबर में उची उड़ती जाए,
कही न उजले कही भी न टकराये,
श्याम तेरे ही भरोसे माजा दिया छोड़,
मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,



पेच लड़ावे कोई भी कितना हवा में उड़ती जाये,
श्याम नाम का पका धागा कोई काट न पाए,
पारस पतंग उड़ उड़ कर चली वृद्धावन की और,
मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,

मेरे मन की उडी पतंग पकड़ लो श्याम पतंग की डोर,
अटके न भटके कही उड़े ये ब्रजमंडल की और।

Leave a comment