साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए,
जाना है मुझे वृंदावन , कुछ भी समझ न आए,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए।
वृंदावन के राज दुलारे, सुन लो विनती मेरी l
अपने दीवानों में अब तो, कर लो गिनती मेरी ll
सर पे हाथ तुम्हारा रख दो, अब तो रहा न जाए,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए,,,,,,,,,,,,,
कैसा लगता होगा जब तुम, सजकर आते होगे l
वृंदावन का कण कण बोले, बँसी बजाते होगे ll
हमने तुमको इतना चाहा , कोई कभी न चाहे,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए,,,,,,,,,,,,,
अपने दीवानों से कान्हा, क्यों है इतनी दूरी,
तुमको है मालूम साँवरिया, मेरी क्या मजबूरी।
भीड़ बहुत है स्टेशन पर , कैसे टिकट कटाएं,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए,,,,,,,,,,,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए,
जाना है मुझे वृंदावन , कुछ भी समझ न आए,,,
साँवरिया, मेरी गाड़ी छूटी जाए।