तर्ज :- देना हो तो दीजिये…
पितर जी की महिमा का आओ करे बखान,जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
जब जब विपदा घेरे मुझको मन मेरा घबराया है,पितर देव ने सिर पर मेरे अपना हाथ फिराया है,वो साथ खड़े है हरपल करने मेरा कल्याण।जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
पितर जी की महिमा का आओ करे बखान,जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
मैंने तो जीवन में सब कुछ देव आपसे पाया है,हुई दास पर कृपा आपकी मुझको जो अपनाया है,इसी कृपा से देवा मिला है जग में मान।जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
पितर जी की महिमा का आओ करे बखान,जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
आप ही रक्षक आप ही दाता आप ही पालनहारे हो,मैं सेवक हूँ आप हो स्वामी मेरे खेवनहारे हो,“नारायण” कहे ओ देवा हो आप मेरा सम्मान।जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।
पितर जी की महिमा का आओ करे बखान,जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान।