मेरे गांव में लेके, जन्म फेर आइये तू। बाबा घाटे आले अपना, रूप दिखाईये तू। मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तू।।
जिस घर में तने जन्म मिलेगा, उस घर में बन फूल खिलेगा। उंगली पकड़ के चलेगा, जग मन भाइए तू। मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तू।
बाल अवस्था में खेला करांगे, भक्ति में सबने गेला करांगे। भूता ने पेला करांगे, एक पे आ जाईए तू। मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तूं।
ऐसा करो तन में उजियाला, रटते रहे तेरे नाम की माला। बंद अकल का ताला, खोल दिखाईये तू।मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तू।।
रस्ता निहारे तेरा कपतान शर्मा, कर दो पूरे दिल के अरमा। नरेंद्र कोशिक करमा, पलट दिखाईये तू। मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तू ।।
मेरे गांव में लेके, जन्म फेर आइये तू, बाबा घाटे आले अपना, रूप दिखाईये तू, मेरे गाँव में लेके, जन्म फेर आइये तू।