तर्ज – घर आजा परदेसी तेरा
झुमन नाचन के दिन आए, हम सब है मंगल ये गाए। नौरातों के दिन देखो ये,वापस आए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे, घर में तेरी मैया हम सब, ज्योत जलाएं रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।
कष्टों की घडी है आई, थामो आके माँ ये कलाई, माँ बेटे का रिश्ता निभा दो, यूँ ना मुझको तुम भुला दो, दया की तुम हो मैया मूरत, आके दिखा दो अपनी सूरत, तेरा दर्शन पा के मेरा, मन हर्षाए रे,
झुमन नाचन के दिन आए, हम सब है मंगल ये गाए। नौरातों के दिन देखो ये,वापस आए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे, घर में तेरी मैया हम सब, ज्योत जलाएं रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।
माँ बेटे का रिश्ता निभा दो, यूँ ना मुझको तुम भुला दो, दया की तुम हो मैया मूरत, आके दिखा दो अपनी सूरत, तेरा दर्शन पा के मेरा, मन हर्षाए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।
झुमन नाचन के दिन आए, हम सब है मंगल ये गाए। नौरातों के दिन देखो ये,वापस आए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे, घर में तेरी मैया हम सब, ज्योत जलाएं रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।
बच्चे जैसे है माँ तेरे, अपने आँचल में हमें लेले, माँ के जैसा नहीं है कोई; किस्मत मेरी क्यों माँ सोइ, आ के मैया मुझे सम्भालों, यूँ ना दर से अपने टालो, कइया मन में मेरा क्यों,
इतना घबराए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।
झुमन नाचन के दिन आए, हम सब है मंगल ये गाए। नौरातों के दिन देखो ये,वापस आए रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे, घर में तेरी मैया हम सब, ज्योत जलाएं रे, सिंह सवार हो आजा मैया, बेटा बुलाए रे ।।