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श्याम भजन लिरिक्स

Fagan ka mahina hai khatu Mane Jana hai,फागण का महीना है, खाटू मन्ने जाना है,shyam bhajan

फागण का महीना है, खाटू मन्ने जाना है,



तर्ज – आदमी मुसाफिर है

फागण का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है ।।



खाटू में फागण का, मेला है लगता, रेला उमड़ता,मेले में भक्तों का,बाबा का दरबार सज जाता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺फागन का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है ।।

रंगों की बौछार, होती वहाँ पर, खुशियों की सौगात। मिलती है जाकर, साँवरे के रंग में रंग जाना है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 फागन का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है ।।

हार के जो भी, इसके दर आते,हर कष्ट पल में, उसके टल जाते। जीवन यहाँ पर संवर जाता है। फागन का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है ।।



होली में बाबा को, रंग लगाएं, दरबार में इनके, नाचें गाएं। चरणों से जाके लग जाना है। फागन का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है।

फागण का महीना है, खाटू मन्ने जाना है, जाकर खाटू नगरी में, श्याम को रंग लगाना है ।।

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