तर्ज – उड़जा काले कावा
श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा, मन को मोर्यो नाचन लाग्यो, झूम झूम गावा। थारो दर्शन पाणे खातिर,उड़ गयी आख्या श्यु निंदा। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतिया, दिखा दे थारी सुरतियां ।
चान्दारुण की दक्षिण दिशा में, बाबा आप बिराजो। उत्तर में शिवनाथ बिराजे, शिवालय रे माहि।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बिच बाज़ार में गणपति सोहे, लडूवन भोग लगावे। मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतिया।
फागन रा महिना में बाबा, थारे मंदिर आवा। मेवा मिश्री सागे ल्यावा, थारे भोग लगावा। भोले शंकर ने ल्यावो तो, गांजो भांग मंगावा।🌺🌺 मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतियां, दिखा दे थारी सुरतियां।
लाल गुलाबी गुलाल उड़त है, श्याम नगर के माहि। स्वर्ग से सुन्दर लागे म्हाने, खाटू नगरी के माहि।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रंग रंगीलो फागन आयो, भक्ता के मन भायो, मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतियां, दिखा दे थारी सुरतियां ।
यूँ तो म्हारा खाटू नरेश ने,बिगड़ी सब की बनाई, एक सहारा श्याम हमारा, सूरत थारी बसाई। ‘वेद व्यास’ की अर्जी सुन्ल्यो, बेडो पार लगाद्यो, मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतियां, दिखा दे थारी सुरतियां ।।
श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा, मन को मोर्यो नाचन लाग्यो, झूम झूम गावा। थारो दर्शन पाणे खातिर,उड़ गयी आख्या श्यु निंदा। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मत तरसावो सांवरिया, आजा हिंडो हिंडा, दिखा दे थारी सुरतिया, दिखा दे थारी सुरतियां ।