खाटू की नगरी फागुन का मेला,हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे। रंग बसंती नीला पीला और उड़े रे गुलाल,भगत सब झूम रहे।
सज गई गलियां महल चौबारे इत्र की पड़े हैं फुहार। रंगों में डूबी भक्तों की टोली कर रही जय जयकार।हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे।
खाटू की नगरी फागुन का मेला,हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे। रंग बसंती नीला पीला और उड़े रे गुलाल,भगत सब झूम रहे।
ढोल मृदंग नगाड़ा बाजे निशान दिखे चहुं ओर। जय श्री श्याम जय श्री श्याम गूंजे हैं चारों ओर।हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे।
खाटू की नगरी फागुन का मेला,हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे। रंग बसंती नीला पीला और उड़े रे गुलाल,भगत सब झूम रहे।
सुंदर मुखड़ा मुकुट सुनहरा गले फूलों के हार। शोभा निराली सांवरिया की नजर लगे ना यार। हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे।
खाटू की नगरी फागुन का मेला,हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे। रंग बसंती नीला पीला और उड़े रे गुलाल,भगत सब झूम रहे।
शीश झुकाए आस लगाए भगत खड़े दरबार। आओ बाबा श्याम बाबा दर्शन दो एक बार। हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे।
खाटू की नगरी फागुन का मेला,हो रही रेलमपेल,भगत सब झूम रहे। रंग बसंती नीला पीला और उड़े रे गुलाल,भगत सब झूम रहे।