सेठां को यो सेठ सांवरा,
म्हारे मन में भायो,
म्हारें मन में भायों,
ई दुनियां में बहुत सेठ,
यो जगत सेठ कहलायो,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।
सारी दुनियां देखी पर ना,
श्याम से बड़ा व्यापरी,
उसका कर दे ठाठ,
जिसने श्याम से यारी,
खुली तिजोरी सदा ही रखे,
तालो नहीं लगाया,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।
मौजा कर दे चार सेठ,
यो बाबो खाटू वालो,
मन को गोरो ना कोई इनसो,
बेशक तन को कालो,
मौज होवे इसने खाते में,
नाम लिखायो,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।
सांवरिया ने कोई भी अपना,
हिस्सेदार बना ले,
शीश का दानी, मुंह माँगा दे,
जो चाहे सो पा ले,
मालामाल करे उसने,
जिस पे यो कर दे सायो,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।
द्वारे पर जो भी जावे है,
झोली भर दे खाली,
श्यामसुंदर और लक्खा की नेकी,
किस नहीं कंगाली,
के राजा के रंक सभी ने,
श्याम को ही गुण गायो,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।
सेठां को यो सेठ सांवरा,
म्हारे मन में भायो,
म्हारें मन में भायों,
ई दुनियां में बहुत सेठ,
यो जगत सेठ कहलायो,
म्हारे मन में भायो, श्याम,
म्हारे मन में भायो।