राधे खोल किवड़िया महलन की श्याम तुझसे मिलने आए हैं।
राधा क्यों ना आई पनघट पे। नैना तरस रहे दर्शन को। अरि तु घूंघट के पट खोल,श्याम तुझसे मिलने आए हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे खोल किवड़िया महलन की श्याम तुझसे मिलने आए हैं।
राधा रूप बड़ा तेरा सोना। राधा नखरा बड़ा तेरा मोना। एरी तूं कर सोलह सिंगार, श्याम तुझसे मिलने आए हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे खोल किवड़िया महलन की श्याम तुझसे मिलने आए हैं।
राधा पीला पितांबर ले ले। राधा मोर मुकुट मेरा ले ले। एरी तूं ले मुरली अनमोल, श्याम तुझसे मिलने आए हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे खोल किवड़िया महलन की श्याम तुझसे मिलने आए हैं।
राधे खोल किवड़िया महलन की श्याम तुझसे मिलने आए हैं।