जब तक रहे तन में जिया, सांवरिया सुन ले जरा। मैं तेरे भजन गांऊं होके मगन। गांऊं तेरे भजन नाचू होकर मगन।
सांसे मेरी तेरे गीत गाए, आंखों को बस तेरा दर्श भाये। मनकी तुम जान लो पहचान लो क्या कहूं तुमसे।।
जब तक रहे तन में जिया, सांवरिया सुन ले जरा। मैं तेरे भजन गांऊं होके मगन। गांऊं तेरे भजन नाचू होकर मगन।
मेरे रोम रोम में तुम ही बसा है बाबा। तेरे नाम का यह कैसा नशा है बाबा। तेरे दर झूम के सब घूम के आ रहे हैं बाबा।
जब तक रहे तन में जिया, सांवरिया सुन ले जरा। मैं तेरे भजन गांऊं होके मगन। गांऊं तेरे भजन नाचू होकर मगन।
खुद को करे जो श्याम के हवाले। उसको हमेशा श्याम ही संभाले। ओ मेरे श्याम रे अब थाम ले तू मेरी बाहें।
जब तक रहे तन में जिया, सांवरिया सुन ले जरा। मैं तेरे भजन गांऊं होके मगन। गांऊं तेरे भजन नाचू होकर मगन।
शर्मा तेरे चरणों में सर रखता है।अश्कों को फिर लफ्जों में लिखता है।अपने अंदाज में आवाज में तूं श्याम भजन गाले।
जब तक रहे तन में जिया, सांवरिया सुन ले जरा। मैं तेरे भजन गांऊं होके मगन। गांऊं तेरे भजन नाचू होकर मगन।