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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Uma ka pad gayo sota huKara bhar raho tota, उमा को पड गयो सोता हुँकरा भर रह्यो तोता,shiv bhajan

उमा को पड गयो सोता हुँकरा भर रह्यो तोता।

कथा सुना रहे पार्वती को शिव शंकर भगवान,
सुनते सुनते अमर कथा को बंद हो गए कान,
उमा को पड गयो सोता हुँकरा भर रह्यो तोता।



मचल उठी थी गौरा शिवशंकर से बतराई,
अमर कथा कह देओ नारद ने याद दिलाई,
अमरकथा के सुनते ही कट जाएँ पाप भगवान,
कर्म कोई बन गया खोटा उमा को पड गयो सोता।



इतनी सुन शिवशंकर गौरा को लगे मनाने,
सुन लेओ चित लाई शिव लागे कथा सुनाने,
करवायो संकल्प उमा पे बैठे आसान मार ,
जल को भर लीनो लौटा उमा को पड गयो सोता



अमर कथा पूर्ण हुई शिवजी ने पूछा ऐसे,
पार्वती अब कहदेओ ये अमरकथा सुनी कैसे,
देखा जो शिवजी ने मुडके वो तो सो रही नींद में आए,
नींद में ले रही झोटा उमा को पड गयो सोता।



सोच उठे थे शिवजी ये हुँकरा कौन भरा था,
देखा और ना कोई बस एक तोता बैठा था,
प्रेम मगन हो कथा सुन लीनी लीयो जीवन सफल बनाय,
गदगद है रह्यो तोता उमा को पड गया सोता



क्रोध किया शिवजी ने लिया त्रिशूल उठाई,
उड़ते उड़ते तोता गयो देव लोक में आई,
अब नहीं प्राण बचेंगे मेरे नाराज हुआ भगवन,
सुदबुद भूल्यो तोता उमा को पड गयो सोता।



थी बेदव्यास की नारी छत पे रही केस सुकाई,
जो उसने मुख खोला शुक अंदर गयो समाई,
रुक गया हाथ तुरंत नाथ को कोइ न पार बसाए,
गर्व में पहुँच्यो तोता उमा को पड गया सोता।



क्षमा किया शिवजी ने लीला सब ही पहचानी
बारह बर्ष के बालक शुकदेव भये बडे ज्ञानी,
बहुतेरे उपदेश दिए जी कह गए भागवत सप्ताह
कह गए यही में गीता उमा को पड गयो सोता।

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