मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
ब्रह्मलोक से ब्रह्मा जी आए, ब्रह्मा जी आये संग में ब्रह्माणी को लाये। उन ने वेद पढ़ाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
छीर सागर से विष्णु जी आए। विष्णु जी आये संग में लक्ष्मी को लाए। उन्ने चक्र चलाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
कैलाश पर्वत शिव भोले जी आए। भोले जी आए संग में गौरा मां को लाए। उन ने डमरु बजाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
अयोध्या नगरी से राम जी आए। राम जी आये संग मे सीता मैया लाए। उन ने धनुष चलाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
द्वारिका पुरी से कृष्ण जी आए। कृष्ण जी आए संग में रुकमणी जी लाए। उन ने बंसी बजाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
ऊंचे पहाड़ों से मैया जी आई। मैया जी आई संग में नौ बहने लाई। उन ने भेटे सुनाने में हद कर दी।मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।
मैं तो नैनो की स्याही से लिख आई, मैया मानो ना मानो तुम्हारी मर्जी।