महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा।।
गजानन्द जी साथ बिराजे, रिद्धि सिद्धि साथ, काला काला सांप गले मे, जटा में गंगा खलके ओ, गंगाजी रे पावन जल सु, चरण पुरावा सा।।
महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा।।
भगत ऊबा धूणा पे, शंख बजावे गणगौर, शंख री आवाज सुन ने, शंकर नाचे जौर सा, शिव शंकर रो नाच देखन, चाला मिलने साथ।
महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा।।
राख बजाव गणगार, शंख री आवाज सुन ने, शंकर नाचे जौर सा, शिव शंकर रो नाच देखन, चाला मिलने सा।
महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा।।
तीन लोको रो धणी, म्हारो बाबो भोले नाथ, पाताल धरती अम्बर, होवे जय जयकार सा, जयजयकार चार दिशा में, बाबो भोलानाथ।।
महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा।।
माजीसा स्टूडिओ माय, पीयूष जाँगिड़ गावे सा, मुकेश माली भजन बनावे, सुरेंद्र बन्ना साथ, महाशिवरात्रि री भोंग बाबा, पीवण आवो आज ।।
महाशिवरात्रि रा शिवजी ने, मनावण चाला, गवरा साथे शिव जी बैठा, धोक लगावा सा ।।