तर्ज,आज हनुमान जयंती है
ऐसी हालत हो गई मेरी बाबा तेरे प्यार में।पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
जिधर में देखूं बाबा नजर मुझको तूं आए।अगर तूं सामने बैठे वक्त मेरा रुक जाए।बनी में तेरी दीवानी। फिरू बनके मस्तानी।🌺🌺🌺🌺🌺झुमके नाचूं गाऊं,हो बनके श्याम दीवानी।लाख बनाए बातें लोग गांव शहर बाजार में।पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
ऐसी हालत हो गई मेरी बाबा तेरे प्यार में।पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
हाथ में लेकर माला श्याम के भजन में गांऊं। वेश जोगन का धर के मैं घर-घर नाचूं गाऊं। कोई तो मारे ताने, कोई कहता बहाने।🌺🌺🌺 मेरे मन की पीड़ा को कोई विरला ही जाने। मेरे दिल को चैन मिला बस श्याम तेरे दरबार में। पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
ऐसी हालत हो गई मेरी बाबा तेरे प्यार में।पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
तुझको मैं देखूं ऐसी मैं तुझ में ही खो जाऊं। मुझ में मिट जाए मेरा मैं तु ही तु बन जाऊं। मेरे अंदर भी तू है, मेरे बाहर भी तू है। 🌺🌺🌺🌺🌺 नहीं कुछ मेरा मुझ में, जो है बस तू ही तू है। बदल गया है जीवन मेरा श्याम तेरे दरबार में। पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।
ऐसी हालत हो गई मेरी बाबा तेरे प्यार में।पहन के चोला केशरिया में नाचूंगी दरबार में।