आओ भोग लगाओ मेरे मोहन, आओ जी भोग लगाओं मेरे मोहन।।
दुर्योधन की मेवा त्यागी, साग विदुर घर खाओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन।।
शबरी के बेर सुदामा के तंदुल, प्रेम से भोग लगाओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन।
वृंदावन की कुञ्ज गली में, आओ रास रचाओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन।।
राधा और मीरा भी बोले, मन मंदिर में आओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन।
गिरी छुआरा किशमिश मेवा, माखन मिश्री खाओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन ।।
सत युग त्रेता द्वापर कलयुग, हर युग दरस दिखाओ मेरे मोहन, आओ आओ भोग लगाओं मेरे मोहन।।
आओ भोग लगाओ मेरे मोहन, आओ जी भोग लगाओं मेरे मोहन।।