तर्ज – क्या करते थे साजना
आजा मेरे सांवरे, देख मेरे हालात,
तेरे बिना ओ कन्हैया, किससे कहे दिल की बात, दे दे अपने प्रेम की, मुझको भी सौगात, तेरे बिना ओ कन्हैया, किससे कहे दिल की बात ।।
हार गई हँ बाबा मैं सबसे, देखि हकीकत मैंने जबसे, सुनले कन्हैया मेरी अरज भी, रो रो पुकारूँ तुझको मैं कबसे,🌺🌺🌺🌺🌺🌺 दिल में मेरे दर्द भरा, जख्म है ये बिलकुल हरा, आँखों में भरी बरसात, किससे कहे दिल की बात, किससे कहे दिल की बात ।।
धन दौलत थी पास जो मेरे, तब थे सारे रिश्ते सुनहरे, जब आई मुझ पर भी कुर्बत, सबने दिखाए असली चेहरे, ठुकरा दिया सबने मुझे,
मन के हर दिप बुझे, मेरी कुछ भी नहीं औकात, किससे कहे दिल की बात, किससे कहे दिल की बात।।
अब तो कन्हैया राह दिखा दे, मुझ पर मोरछड़ी लहरा दे, मैं भी बनु अब सबका सहारा, मन पर अपना पहरा लगा दे, सेवा करू सबकी प्रभु, दर्दो गम सबके हरु, सुन ‘राशि’ के जज्बात, किससे कहे दिल की बात, किससे कहे दिल की बात।।
आजा मेरे सांवरे, देख मेरे हालात, तेरे बिना ओ कन्हैया, किससे कहे दिल की बात, दे दे अपने प्रेम की, मुझको भी सौगात, तेरे बिना ओ कन्हैया, किससे कहे दिल की बात ।।