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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

So so surma ke bich me akelo balaji,सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी,balaji bhajan

सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी।

तर्ज, दो दो गुजरिया के बीच में

सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी।
अकेलो बालाजी ,
बाली लंका रावण की।

रामचंद्र सु आज्ञा पाकर ,
लंका गढ़ में जावे।
सीताजी रो पतों लगाकर ,
वो उत्पात मचावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

मेघनाद जद नागपाश में ,
बांध सभा में लावे।
रावण के दरबार में बाला ,
मंद मंद मुसकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

बड़ा बड़ा ए शूरवीर तब ,
रावण ने समझावे।
शीश काट लो रामदूत रो ,
तलवारा चमकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

जयकारो कर राम नाम रो ,
बजरंग बाला बोले।
सुण ले रावण बात हमारी ,
काळ शीश पर डोले।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

अभिमानी रावण के तब भी ,
बात समझ नहीं आई।
लंका नगरी बजरंग जारी ,
हरखी सीता माई।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

रामदूत बजरंग बलि ने ,
दास अशोक सुनावे।
निज चरणा में चाकर राखो ,
चरणा में सुख पावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी।
अकेलो बालाजी ,
बाली लंका रावण की।

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