श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।।
कभी वृन्दावन खेले, कभी गोकुल में खेले। कभी मथुरा में खेले, कभी बरसाने खेले। रंगी नंदगाव की गलियां, रंगी भानु की हवेली।चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।
श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।।
कभी वो गुलाल उड़ाएं, कभी मारे पिचकारी। कभी रंग जाए राधा, कभी रंग जाए बिहारी। ये कैसा मस्त महीना, है कैसी सुन्दर जोड़ी।ये कैसा मस्त महीना, है कैसी सुन्दर जोड़ी, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।।
श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।।
बाग़ ये है अलबेला, लगा कुंजन में मेला। हर कोई नाचे गाए, रहा ना कोई अकेला। पराग के संग मिल बोलो, हर बरस आए होली। चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होली।
श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी, चलो खेलेंगे होरी।।