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श्याम भजन लिरिक्स

Sabkuch bhulkar kuwar sawre rakha tere dar ye sar sawre,सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,shyam bhajan

सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,

सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
चाहे दे सजा, चाहे कर मेहर,
ये मर्जी तेरी, गिरधर साँवरे………..


घटा बन कर बरसी तुम्हारी दया,
मेरे कष्टों का किला बह गया,
मेरी कामनाओ वासनाओं का,
किला देखते देखते ढह गया,
पड़ी मुझ पर तेरी, नजर तेरी साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे………….

सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
चाहे दे सजा, चाहे कर मेहर,
ये मर्जी तेरी, गिरधर साँवरे………..



सूरज की तरह, उग आता है तू,
अंधेरों में दीपक जगाता है तू,
आसमान के द्वारे पे होके खड़ा,
मेरे मन मोहन बुलाता है तू,
क्यों भटकूँ इधर से उधर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे………..

सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
चाहे दे सजा, चाहे कर मेहर,
ये मर्जी तेरी, गिरधर साँवरे………..



मैं जैसा भी हूँ, अपनाना प्रभु,
दूर यादों से ना जाना प्रभु,
सुन्दर लाल बस चाहता है प्रभु,
हमेशा तेरे गीत गाना प्रभु,
मुझे बक्श दो, मीठा सुर साँवरे ,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
चाहे दे सजा, चाहे कर मेहर,
ये मर्जी तेरी, गिरधर साँवरे………..

सब कुछ भूल कर, कुंवर साँवरे,
रखा तेरे दर, ये सर साँवरे,
चाहे दे सजा, चाहे कर मेहर,
ये मर्जी तेरी, गिरधर साँवरे………..

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