मेरी भक्ति के बदले वचन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
रोज़ मुझे दर पे बुलाती तू रहना। हाथ मेरे सर पे फिराती तू रहना। मेरी झोली में सेवा का धन देना। मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
मेरी भक्ति के बदले वचन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
मंदिर तेरा मुक्ति का धाम दादी, इतना सा करना बस एहसान दादी। तेरी चौखट पे जीवन मरण देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।
मेरी भक्ति के बदले वचन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
आँखों से आंसू बरसने लगे माँ, सुनने को कान तरसने लगे माँ। मेरे भजनों में इतना वजन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना।
मेरी भक्ति के बदले वचन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
जिस चुनड़ी का देव गुणगान करते, झुक झुक ‘बनवारी’ जिसे प्रणाम करते। इसके आँचल में मुझको शरण देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।
मेरी भक्ति के बदले वचन देना, मुझे झुंझनु में अगला जनम देना ।।