होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।
धर अधरन पर मुरली मनोहर, खेले रंग भरी पिचकारी लेकर। ग्वाल सखा नन्दलाल, राधा संग लिये ।।होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।
होली में धूम मचावे मुरारी, रंग लेकर राधा पर डारी। संग में खेलत ग्वाल बाल, राधा संग लिये।होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।
कृष्ण कन्हैया रोके रहिया, लूट के खाए ग्वालिन की दहिया। मुख में है मलत गुलाल, राधा संग लिये ।।होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।
ग्वालों के संग खेलें कृष्ण कन्हाई, ढोल मजीरा झाँझ बजाई। गावत दे दे ताल, राधा संग लिये।होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।
ले पिचकारी अबीर की झोली, होके मगन मन गावत होली। ‘परशुराम’ खुशहाल, ग्वालों को संग लिये।होली होली खेलत मदन गोपाल, राधा संग लिये।