तर्ज – तेरी झलक
भटके हुए को बाबा, तू राह दिखाएं, दुनिया के जो ठुकराए, उनको गले लगाए। गम के है जो मारे, दुनिया से जो हारे, करके कृपा बाबा, उन्हें जीताये तू।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मुझ पर नजर कर दी, हो बाबा झोली मेरी भर दी, मुझ पर नजर कर दीं, बाबा जग ने कदर कर दी ।।
दुनिया से क्या मांगे, मांगे बाबा तुझसे। खुशियां कैसे आती है, पूछे सब मुझसे सजदे में झुकता सर, तेरे ही आगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तेरी कृपा से दुख,काम वही आए। तूने नजर कर दी, हो बाबा झोली मेरी भर दी, मुझ पर नजर कर दीं, बाबा जग ने कदर कर दी।
तेरी कृपा से दुख, से जीवन से भागे। खाटू कि तू शान है बाबा, भक्तों की पहचान है बाबा। तेरे नाम से शुरु करी वह, भक्ति रंग लाई।🌺🌺🌺 तूने नजर कर दी, हो बाबा झोली मेरी भर दी। मुझ पर नजर कर दीं, बाबा जग ने कदर कर दी।
होने लगी है दुखों से दूरी, अब ना सताती है,
कोई मजबूरी। कान्हा के रूप में,मन की मुरादे मेरी,काम वही आए वो खाटू वाला, करता है पूरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺’मंत्री’ पर है उसकी निगाहें, ‘जयंत’ को दिखलाता राहे, सारे भक्तों के दुख में।
भटके हुए को बाबा, तू राह दिखाएं, दुनिया के जो ठुकराए, उनको गले लगाए। गम के है जो मारे, दुनिया से जो हारे, करके कृपा बाबा, उन्हें जीताये तू।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मुझ पर नजर कर दी, हो बाबा झोली मेरी भर दी, मुझ पर नजर कर दीं, बाबा जग ने कदर कर दी ।।