तेरी अदाओं पे वारी
श्याम पिया मतवारे पिया
श्याम पिया मतवारे पिया,
कितने कोमल, कितने नाज़ुक
प्रिय आपके श्री अंग हैं
आप पे जग बलिहारी
आप पूर्ण सौंदर्य हैं
आपकी ही रश्मियों से
हाँ सुंदरता भी सुंदर है
आप ही हैं हमदम मेरे
आप ही मेरे प्रियतम हैं
मुकुट के रंगन पे, इंद्र को धनुष वारो
और अमल – कमल वारो, लोचन विशाल पे
कुण्डल की प्रभा पे, कोटि प्रभाकर वारो
कोटि बदन वारो, बदन रसाल पे
वदन के वरण पे, नीरज सजल वारो
मैं चपला चमक वारूं, प्यारे तेरी माल पे
चाल पे मराल वारो, अपना तन- मन वारो
कहां – कहां वार डारो, नन्द के कुमार पे
तेरी अदाओं पे वारी, श्याम पिया मतवारे पिया।
तेरी चाल निराली सांवरिया
तेरी बात निराली सांवरिया
तेरे चरणों पे बलिहारी,श्याम पिया मतवारे पिया।
तुम श्याम रंगीले बनवारी हो
गोवर्धन के गिरिधारी हो
तेरी चौखट पे मैं वारि,श्याम पिया मतवारे पिया।