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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Aanand ke lut khajane bhayi satguru ke darwar me,आनंद के लुटे खजाने भाई सतगुरु के दरबार में,guru bhajan

आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में

आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में
सतगुरु के दरबार में
भाई संतो के दरबार में
आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में।

धन में सुख ढूंढन वालो
भई धनवानों से पूछो
धन में सुख ढूंढन वालो
तुम धनवानों से पूछो
उन्हें चैन नहीं मिलता है
पल भर भी वार त्यौहार में
उन्हें चैन नहीं मिलता है
पल भर भी वार त्यौहार में
आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में।

कोठी बंगा मोटरगाड़ी
कमी नहीं जिसके पास में
उन्हें चैन नहीं मिलता है
पल भर भी कारोबार में
उन्हें चैन नहीं मिलता है
पल भर भी कारोबार में
आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में ।

चाचा ताऊ भाई बंधू
बोहत बड़ा परिवार है
वो देखे रोज़ कचेहरी
आपस की तक़रार में
वो देखे रोज़ कचेहरी
आपस की तक़रार में
आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार मे।

आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में
सतगुरु के दरबार में
भाई संतो के दरबार में
आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में।

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