मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
लाल चुनरी मंगवाई वह तो पानी में भीगोई,
वह तो रगड़ रगड़ के धोई आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
दाल सिल पर पेशवाई वह में नमक मिर्च डलवाई,
वह तो तेल में छुकबाई आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
हलवा सूजी को बनवाया में मेवा भी डलवाई,
उसमैं देसी ही डलवाया आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
पूडी मैदा की बनवाई चटनी धनिया की बनवाई,
सब्जी छोले की बनवाई आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
पासन हृदय को बनवाया चौकी चंदन की बनवाई,
जादू सोने की मंगवाई आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
पत्तल हरी हरी मंगवाई वा में कर देनी परसाई,
मैं तो कर मनूहार जी मामा जा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥
पान बनारस का मंगवाया उसमें लोंग सुपारी डलबाई,
उसमें गुलकंद भी डलवाई आजा पास में,
मारा सांवरिया गिरधारी…
मारा सांवरिया गिरधारी माह है महीना की रुत प्यारी,
तू तो बैठो और रजाई आजा पास में॥