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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Manmohan tujhe rijhau tujhe nit naye lad ladau,मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,krishna bhajan

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।

गीत बन जाऊं तेरी बांसुरी के स्वर का,
इठलाती बलखाती पतली कमर का।
पीला पटका बन जाऊं,
बसा कर नयन में, बसा कर तुझे नयन में॥

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।

रूप सुधा का पीऊ सामने बैठा के,
फूलों की छैया में तुझ को लिटा के,
तेरे धीरे धीरे चरण दबाऊं,
बसा कर नयन में, बसा कर तुझे नयन में॥

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।

घुँघरू बनू जो तेरे पायल का प्यारे,
पल पल चूमा करूँ चरण तिहारे।
तेरे स्नाग संग नाचूं गाउन,
छिपा कर नयन में, बिठा कर तुझे नयन में॥

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।

राधिका किशोरी संग रमण रिहारा,
मुझ को दिखा दो कभी ऐसा नज़ारा।
फिर चाहे मैं मर जाऊं,
बिठा कर नयन में, बसा कर नयन में॥

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।



मनमोहन मन मना करके किस भांति रिझालूं तुझे,
कुछ तो अरमान मिटे दिल का, इस छाती से नेक लगा लूँ तुझे।
अब और विशेष ना कामना है, बस अंक में श्याम बिठा लूँ तुझे।उर अंतर में छिपा लूँ तुम्हे, निज प्राणों का प्राण बना लूँ तुझे॥

मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में।

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