तर्ज सांवली सूरत पे मोहन
दोहा, तेरा शिव पे चला जादू, – और मीरा पे चला जादू क्या कहे सांवरे तेरे नैनो को देखकर, ना दिल पे रहा काबू।
जादूगर मेरा सांवरा, नैनो से घायल करे। नैनो से घायल करे, श्याम नैनो से घायल करे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
मोटे मोटे नैनो से जब, नज़र डारे जिस पर ये। ऐसा जादूगर है सांवरा, रखता सबको कब्ज़े में।श्याम लगन में जीवन भर वो, श्यामा श्यामा गाये रे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
जादूगर मेरा सांवरा, नैनो से घायल करे। नैनो से घायल करे, श्याम नैनो से घायल करे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
श्याम का जादू चला था शिवपर, नारी बनकर नाचे थे। लाख मना किया गौरा माँ ने, खुद को रोक ना पाए थे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 देख कर अपना रंग शिव पर, सांवरे मुस्काये रे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
जादूगर मेरा सांवरा, नैनो से घायल करे। नैनो से घायल करे, श्याम नैनो से घायल करे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
मीराबाई पे चला था जादू, छोड़ दिया घर बार रे। श्याम की चाहत में विष प्याला, पी गई एक ही सांस में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ‘राही’ दयालु मेरा सांवरा, हर पल सबके साथ रे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे ।।
जादूगर मेरा सांवरा, नैनो से घायल करे। नैनो से घायल करे, श्याम नैनो से घायल करे। जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे।
जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे,
नैनो से घायल करे, श्याम नैनो से घायल करे, जादूगर मेरा साँवरा, नैनो से घायल करे ।।