चोटी के ऊपर चोटी, चोटी पर गुफा है छोटी। बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात करती।
सच्चा दरबार यहां सांची नजारे हैं। रोज चमकदार यहां होते जी न्यारे हैं। रोते-रोते जो आते, हंसते-हंसते वह जाते। 🌺🌺🌺🌺🌺करती मुरादे यहां पूरी, बच्चों की माता बात सुनती।बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात करती।
चोटी के ऊपर चोटी, चोटी पर गुफा है छोटी। बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात करती।
सोने चांदी का कोई छतर चढ़ाई है। चुनरी कोई लाल लाल मां को उड़ाए हैं। कोई हलवा पूरी बांटे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺भेटे मैया की गाके। मैया भी अपने भक्तो के खूब भंडार भर्ती। बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात करती।
चोटी के ऊपर चोटी, चोटी पर गुफा है छोटी। बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात करती।