कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है
जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।
विधुर भीलनी के जो घर तुमने देखे
तो तुम को हमारा भी वो घर देखना है।
कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है
जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।
उबारा था जिस कर से गीध ओर गज को
हमे उन हाथों का हुनर देखना है।
कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है
जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।
टपकते हैं द्रग बिंदु तुमसे ये कहकर
तुम्हे अपनी उल्फत में तर देखना है।
कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है
जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।
अगर तुम हो दीनो के आहो के आशिक
तो आहो का अपना असर देखना है।
कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है
जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।