बाबा प्रेम की होली है, श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में
ऐसा रंग लगाऊं मैं जो ना छूटे जीवन में
प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में
उस खाटू वाले का उस लीले वाले का
मेरा दिल तो क्या सारा जग ये दीवाना है।श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
बाबा प्रेम की होली है, श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
ब्रिज की होली देखि हमने बाबा सौ सौ बार
इस बरस होली खेले हम तेरे संग सरकार
अपनों को छोड़ा है सारी दुनिया छोड़ी है
अब तो मेरा मन कहे बस खाटू जाना है।श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
बाबा प्रेम की होली है, श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
सबकी होली रंग भरी ये बाबा कर देता है
जो भी इसके रंग रंगे ये साथ हमेशा देता है
पुष्पेंद्र प्रभु है तेरा रागी है श्याम तेरी
तेरी रहमतों से बाबा अनमोल खज़ाना है।श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।
बाबा प्रेम की होली है, श्याम संग खेलू होली उन्हें रंग जो लगाना है।