तर्ज,अरे मेरी जान है राधा
लो आ गयो फागन मेलो,चाल्यो है श्याम को रेलों, हाथों में अपने ले निशान जी।
खाटू वाले श्याम धनी की महिमा न्यारी रे।। फागण में निशान चढ़ावे दुनिया सारी रे।। घणों बड़ो दातार बड़ी आंकी दातारि रे।। भर भर के ले जावे अपनी झोली खाली रे।
लो आ गयो फागन मेलो,चाल्यो है श्याम को रेलों, हाथों में अपने ले निशान जी।
नीली पीली लाल ध्वजा नभ पे लहराती है। झूम झूम और नाच नाच श्री श्याम रिझाती है। श्याम प्रेमियों की टोली जयकार लगाते हैं। जय श्री श्याम जय श्री श्याम करती जाती है।
लो आ गयो फागन मेलो,चाल्यो है श्याम को रेलों, हाथों में अपने ले निशान जी।
रंग उड़ाते धूम मचाते चले हैं तेरे द्वार। श्याम ध्वजा हाथों में ले और श्याम नाम आधार। मन में बस यही है आश होगा तेरा दीदार। बाबा लखदातारी सब का भर देगा भंडार।
लो आ गयो फागन मेलो,चाल्यो है श्याम को रेलों, हाथों में अपने ले निशान जी।
बाबा से मिलकर हमको मन की बातलानी है।हारे प्रेमी को बाबा अब जीत दिलानी है।भक्त कहे सांवरिया से प्रीत पुरानी है।हारे का साथी है बाबा शीश का दानी है।
लो आ गयो फागन मेलो,चाल्यो है श्याम को रेलों, हाथों में अपने ले निशान जी।