कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने
दहिया खिलाऊ छाज पिलाऊ आजा बरसाने
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने।
सांझ डले घर आना किसी को तुम न बताना
ग्वालो को संग में न लाओ न घर पे अकेले ही आना
पायल झनकाऊ नाचू और गाऊ आजा बरसाने
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने।
मटकी मंगाई कोरी कोरी
उस में है दहियां जमायो
लोरी से तेरे लिए ही माखन मैंने बचायो
आजा रे आजा माखन ये खा जा आजा बरसाने
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने।
कारी कम्लियाँ मंगवा दू पीला पिताम्भर रंगा दू
नरसी की नजर लगे न टीका मैं काला लगा दू
नजर उतारू लूँ राई वारु आजा बरसाने
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने।
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने
दहिया खिलाऊ छाज पिलाऊ आजा बरसाने
कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने।