तर्ज, रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।
रींगस से पैदल जावा श्री श्याम की ध्वजा उठावा। श्री श्याम की ध्वजा उठाकर बस जय श्री श्याम ही गावा।ये भर देगा भंडार कभी ना टालेगा।झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का।
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।
कोई पेट पलनिया जावे। कोई ढोलक चंग बजावे। कोई रंग गुलाल उड़ा कर, और खूब धमाल मचाव। पाने को दर्शन मनमोहन काले का।झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का।
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।
जो श्याम कुंड में नहाए मिट जाए चिंता सारी। दुख दूर दरिद्र भागे जिसने भी डुबकी मारी। अजी आता मजा श्याम कुंड में नहाने का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का।
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।
ऐसे तो रोज ही सजते फागण की बात निराली। भक्तों पर करती जादू इनकी सूरत मोहने वाली। भगत हुआ दीवाना श्याम निराले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का।
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।
यह हारे का साथी है हारे का साथ निभाए। जो आया इन के दर पर वह कभी ना खाली जाए। बोल जयकारा झोलियां भरने वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का।
आ गया फागण मेला खाटू वाले का। झुम रहा हर बेटा खाटू वाले का। खाटू वाले का मुरली वाले का।आ गया फागण मेला खाटू वाले का।