मुरली वाले कृष्ण काले खोली वाले श्याम। अर्जी मेरी सुन कर जाइए बाबा मोहन राम।
छम छम करता घोड़ा चाले चाल चले बड़ी प्यारी से। आगे आगे गऊ चले, तेरे घोड़े की असवारी से। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चहुं तरफे हरियाली छाई घटा उठती आरी से। कोयल मोर पपैया बोले सावन की रुत न्यारी से।हो ओ बाबा मोहनराम।
मुरली वाले कृष्ण काले खोली वाले श्याम। अर्जी मेरी सुन कर जाइए बाबा मोहन राम।
मोर मुकुट पीतांबर वाला बड़े रूप तप धारी का। निराकार साकार बना अजमाल के दुनिया सारी का।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बनके किरसन पाली आगया देखो खेल खिलाड़ी का।वो ही गोवर्धन पर्वत से खोली में गिरधारी का।।हो ओ बाबा मोहनराम।
मुरली वाले कृष्ण काले खोली वाले श्याम। अर्जी मेरी सुन कर जाइए बाबा मोहन राम।
सतयुग में प्रहलाद बचाया हिरणाकुश का नाश किया। त्रेता में तने रामचंद्र बन पाप का पर्दाफाश किया। द्वापर में श्री कृष्ण बनके गुजरियां संग रास किया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मोहन राम बने कलयुग में फिर गीता प्रकाश कीया।।हो ओ बाबा मोहनराम।
मुरली वाले कृष्ण काले खोली वाले श्याम। अर्जी मेरी सुन कर जाइए बाबा मोहन राम।
किरसन लाल ब्राह्मण पर भी धरया दया का हाथ तने।चंद्रभान को दर्शन देके खूब निभाया साथ तने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बालकपन में दूध पिलाया बनके जननी मात तने।सूर्यनगर में भगतां के दुःख काटे से दिनरात तने।।हो ओ बाबा मोहनराम।
मुरली वाले कृष्ण काले खोली वाले श्याम। अर्जी मेरी सुन कर जाइए बाबा मोहन राम।