तर्ज, चल अकेला चल अकेला
श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला। हर साल फागुन में आता है श्याम का मेला।
तेरे दर्शन करने के वास्ते सब खाटू आते हैं। जय जय खाटू वाले श्याम, जय खाटू वाले श्याम। झोलियां अपनी खाली लाख यहां पर भरकर जाते।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जय जय खाटू वाले श्याम, जय खाटू वाले श्याम। क्या संकट क्या बाधा यहां पर मिटता सब झमेला।श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला।
श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला। हर साल फागुन में आता है श्याम का मेला।
हजारों मील लंबे रास्ते चल चल कर आते।जय जय खाटू वाले श्याम, जय खाटू वाले श्याम। तेरे संग बाबा जुड़े अपने जन्मों के नाते।🌺🌺🌺 जय जय खाटू वाले श्याम, जय खाटू वाले श्याम। यहां दूर-दूर दिखता है सब तेरे भक्तों का रेला। श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला।
श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला। हर साल फागुन में आता है श्याम का मेला।
क्रोध मोह लोभ अहमकारों से अपना नाता तोड़ दे।जय जय खाटू वाले श्याम, जय खाटू वाले श्याम। तेरा कोई साथ ना दे तो भी श्याम से प्रीत जोड़ ले।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तुम श्याम नाम की ज्योति जला कहीं बीत न जाए मेला। श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला।
श्याम का मेला, श्याम का मेला, श्याम का मेला। हर साल फागुन में आता है श्याम का मेला।