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राम भजन लिरिक्स

Man bhaye sakhiri siya ke sajna,मन भाये सखी री, सिया के सजना,ram bhajan

मन भाये सखी री, सिया के सजना।।

मन भाये सखी री, सिया के सजना।।

सांवली सूरत मोहनी मूरत। मोहत मन रतनारे नयना।मन भायें सखी री, सिया के सजना।।

सिर पर मौर झालरी शोभे। जेवर अंग सजायो सजना।मन भायें सखी री, सिया के सजना।।

मलय तिलक शुचि सुभग सुहावन। रुचिर अलक्त रचायो चरना। मन भायें सखी री, सिया के सजना।

अगणित कामदेव छवि राजत। शोभित आज जनक अँगना। मन भायें सखी री, सिया के सजना।।

मैया इनिके सुभग सुहासिन। खीर खाइ जनमायो ललना। मन भायें सखी री, सिया के सजना।।

ब्रह्मेश्वर प्रभु चरन सरन है। उन बिनु इक पल है कल ना।मन भायें सखी री, सिया के सजना।

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