तर्ज – तू माने या ना माने
चाहे घूम आओ सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना। इनका हो रहा जग है दीवाना, हो रहा जग है दीवाना, खाटू सा दर नहीं मिलना। चाहे घूम आओं सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना।।
जीवन वो क्या दर ना आया, श्याम सुन्दर का दर्श ना पाया। श्याम प्रेमी का सच्चा ठिकाना, खाटू सा दर नहीं मिलना। चाहे घूम आओं सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना।
जिसने नैया इनको थमाई, उसकी नैया पार लगाई।इनके चरणों में जीवन बिताना, खाटू सा दर नहीं मिलना।चाहे घूम आओं सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना।।
श्याम दयालु सबको निभाए, खाटू की चौखट सबको भाए।’राकेश’ दर सबको बताना, खाटू सा दर नहीं मिलना। चाहे घूम आओं सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना ।।
चाहे घूम आओ सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना। इनका हो रहा जग है दीवाना, हो रहा जग है दीवाना, खाटू सा दर नहीं मिलना। चाहे घूम आओं सारा ज़माना, खाटू सा दर नहीं मिलना।।