तर्ज – चला चला रे ड्राइवर गाड़ी
आयो फागणियो, आयो फागणियो सजी है, देखो सारी नगरी। चलो रे भाईडा चाला, खाटू नगरी ।।
मैं भी चालू थे भी चालो, सगळा मिलकर चाला। बाबा ने मिलकर के आपा, केसर रंग लगावा। श्याम भर देसी, भगता री खाली झोली। चलों रे भाईडा चाला, खाटू नगरी।
फागण मास रंगीलो थारो, भगता के मन भावे। अब तो बाबा एक भी दिन, अठे मारो मन ना लगे। म्हाने खाटू में बुलाले, बाबा खेलन होली। चलों रे भाईडा चाला, खाटू नगरी।
कई दिना सु मन मे लागी, जावा खाटू जावा।खाटू का मेला में आपा, रंग गुलाल उड़ावा।म्हारा श्याम ने भी, रंग लगावा जी, चलों रे भाईडा चाला, खाटू नगरी ।।
खाटू नगरी लागे प्यारी, खूब सजी है आज। और सागे सज्यो है देखो, मेरो बाबो श्याम। ‘निधि’ गावे है, भक्ता के संग फागणियो जी। चलों रे भाईडा चाला, खाटू नगरी ।।