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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Wo kon si rahe hai mohan jo tere nagar ko jati hai,वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है,krishna bhajan

वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है।

वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है। तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

तुझे ढूंढा वन वन गली गली, तु मुझको क्यों मिल पाया नहीं। तेरी लेकर मैं तो छवि फिरु, तेरा पता किसी ने बताया नहीं। 🌺🌺🌺🌺वह कौन सा उपवन है मोहन, जहां बंसी की धुन चली आती है।तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है। तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

गोपियों से पूछूं देखा क्या, तुमने वह इशारा कर डाला। गायों को चराता फिरता है कजरारे नैनन का ग्वाला। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वह कौन सा पनघट है मोहन, जहां राधा तुम्हें बुलाती है। तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है। तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

तेरे एक एक शखा के पास गया, पर वह भी तुझको तरस रहे। क्या कहते मुझसे वह दुखिया खुद नैना उनके बरस रहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वो कोन नदी का तीर मोहन,जहां गोपी तुम्हे नचाती है।तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

वो कोन सी राहें है मोहन जो तेरे नगर को जाती है। तुझे पाने को दिल की धड़कन तुझको आवाज लगाती है।

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