तर्ज, कीर्तन की है रात
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
म्हारो साथी दीनानाथ है,
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
कईया होसी हार………..।
सुख दुख में साँवरियो,
सदा साथ रहवे म्हारे,
छोड़े ना एकलो,
जद भी पुकारा हाँ,
झट दौड़यो आवे है,
चाहवे है मोकळो,
इनसूं ऐसो प्यार,
म्हारी राखे हर यो बात है,
म्हारो साथी दीनानाथ है,
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
कईया होसी हार………..।
म्हारी विपदा दूर करे,
म्हारी चिंता दूर करे,
करुणानिधि नाम है,
हारे को साथी बन,
गिरते ने उठाने को,
इनको यो काम है,
संग है खेवणहार,
म्हाने डरने की के बात है,
म्हारो साथी दीनानाथ है,
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
कईया होसी हार………..।
म्हे श्याम भरोसे हाँ,
म्हे श्याम के लारे हाँ,
म्हे श्याम से आस करा,
पलका के झूले पे,
म्हारो बाबो झूले है,
इनको ही ध्यान धरां,
गुट्टू की डोरी,
अब साँवरिये के हाथ है,
म्हारो साथी दीनानाथ है,
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
कईया होसी हार………..।
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
म्हारो साथी दीनानाथ है,
कईया होसी हार,
म्हाने श्याम धणी रो साथ है,
कईया होसी हार………..।