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श्याम भजन लिरिक्स

Fagun ka hai mast mahina aa khatu me koi kami na,फागुन का है मस्त महीना, आ खाटू में कोई कमी ना,shyam bhajan

फागुन का है मस्त महीना, आ खाटू में कोई कमी ना,

फागुन का है मस्त महीना, आ खाटू में कोई कमी ना, आजमा के तो देख, के बिगड़ी संवर जाएगी। बिगड़ी संवर जाएगी, खाटू का फागुन देख। बिगड़ी संवर जाएगी तु आ खाटू में देख।

श्याम के प्रेमी खेले होली, जगह-जगह पर बनाकर टोली कोई लाल रंगा कोई हरा रंगा कोई रंगा है नीला पीला। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रंग बिरंगी ध्वजा हाथ कोई सूखा है कोई गिला।

श्याम के प्रेमी खेले होली, जगह-जगह पर बनाकर टोली। संग में ढोल नगाड़े देख, के बिगड़ी संवर जाएगी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बिगड़ी संवर जाएगी, खाटू का फागुन देख।बिगड़ी संवर जाएगी तु आ खाटू में देख।

जो फागुन में खाटू आवे, श्याम के रंग में वह रंग जावे। जब से श्याम के रंग में रंगी मोहे और रंग ना भाये। फीके लागे सब रंग मोहे, श्याम रंग ही भाये।

श्याम दीवानी मैं मस्तानी रोम रोम मेरा गाये। फागन में जो दर्श करे जी, सदा अती सुख पाए।जो फागुन में खाटू आवे, श्याम के रंग में वह रंग जावे। फिर गजब नजारा देख।

के बिगड़ी संवर जाएगी। बिगड़ी संवर जाएगी, खाटू का फागुन देख।बिगड़ी संवर जाएगी तु आ खाटू में देख।

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