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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole ne shish pe dhari ganga maiya hamari,भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी,shiv bhajan

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी

तर्ज,सावन की बरसे बदारिय

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

मैया हमारी गंगा मैया हमारी। विपदा भागीरथ की टारी,गंगा मैया हमारी।

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

भागीरथ के पुरखे सारे। प्रेत बने फिरते थे मारे।श्राप बड़ा था भारी,गंगा मैया हमारी।

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

कपिल मुनि ने यह बताया, गंगा केवल एक उपाया वेग बड़ा है भारी,गंगा मैया हमारी।

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

भागीरथ ने शिव को ध्याया।और चरणों में अलख जगाया।गंगा धरो त्रिपुरारी,गंगा मैया हमारी।

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

खोल दाई शिव ने अपनी जटाये, गंगा गई शिव शीश समाए।राख पुरखों की तारी,गंगा मैया हमारी।

भोले ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।हो शिवजी ने शीश पे धारी,हो गंगा मैया हमारी।

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