तर्ज, कभी खोले ना तिजोरी का ताला
वह तो पहने हैं सर्पों की माला, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
बम भोला बम भोला बम भोला, बम भोला बम भोला बम भोला।
डमरू डम डम बजाता है भांग धतूरा खाता है। जब वह क्रोध में आता है तांडव नाच दिखाता है। सारे जग का है वो रखवाला,मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
बम भोला बम भोला बम भोला, बम भोला बम भोला बम भोला।
वह तो पहने हैं सर्पों की माला, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
पार्वती का प्यारा है उनकी आंखों का तारा है। बेल सवारी वह करता है भक्तों के दुख हर्ता है। उनकी कृपा से छाया उजियारा, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
बम भोला बम भोला बम भोला, बम भोला बम भोला बम भोला।
वह तो पहने हैं सर्पों की माला, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
भक्त भी सारे आए हैं आकर शीश झुकाए हैं ।आशा पुरी हो जाए एक नजर जो हो जाए। छोड़ अमृत पिया विष का प्याला, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।
बम भोला बम भोला बम भोला, बम भोला बम भोला बम भोला।
वह तो पहने हैं सर्पों की माला, मेरा शंकर बड़ा भोला भाला।