है श्याम तेरे दर का,
सारे जहाँ में चर्चा,
हारो को निभाता है,
सीने से लगाता है,
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है,
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।
हार कर आ गया शरण तेरी,
तुमने अपनाने में ना की देरी,
सर पे जो मोरछड़ी लहराई,
मन की मुरझाई कली मुस्काई,
जिसने विश्वास किया है तुम पर,
जिसने विश्वास किया है तुम पर,
लाज उसकी कभी ना खोती है,
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।
वक़्त पे जब ना कोई काम आये,
साथी बनकर के मेरा श्याम आए,
प्रीत साँची निभाने वाला है,
देव कलयुग का ये निराला है,
उसकी तकदीर का तो क्या कहना,
उसकी तकदीर का तो क्या कहना,
जिसके दिल में जली ये ज्योति है,
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।
मुझपे उपकार अनेको इसके,
जन्मों जन्मों ना उतरेंगे कर्जे,
मुझे बरसों से ये ही पाल रहा,
मेरा घर बार ये संभाल रहा,
देखो मनमौजी इसकी दिलदारी,
मेरे आखों से बहे मोती हैं,
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।
शान दरबार की अनोखी है,
अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।
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है श्याम तेरे दर का,
सारे जहाँ में चर्चा,