तर्ज,तेरी आंखया का ये काजल
चलो फागन का लगा मेला, मेरा श्याम बड़ा अलबेला। खाटू के खुल गए द्वारे, मेले के गजब नजारे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेले में मिलकर सारे धूम मचाएंगे। रींगस से खाटू श्याम ध्वजा लहरायेंगे।
अजब नजारे देखे हैं मैंने खाटू वाले के। फागण में दर्शन होते हैं किस्मत वाले के। मेरा बाबा खाटू वाला, फागण में लगे निराला।🌺🌺🌺🌺🌺 जो हार के दर पर जाता, बाबा ने उसे संभाला।मेले में मिलकर सारे धूम मचाएंगे। रींगस से खाटू श्याम ध्वजा लहरायेंगे।
दीवाने मिलकर के श्याम निशान उठाते हैं। श्याम धनी सांवरिया के रंग में रंग जाते है। अब के फागण में बाबा हमें अपना रंग चढ़ा दे।🌺🌺 मेरे खाटू के सांवरिया हमें रंग गुलाल लगा दे।मेले में मिलकर सारे धूम मचाएंगे। रींगस से खाटू श्याम ध्वजा लहरायेंगे।
सबसे ज्यादा श्याम धनी तुम्हें प्यार करता हूं। हर ग्यारस में आकर के तेरा दीदार करता हूं। तेरी कृपा से बाबा भक्तों ने तुझे रिझाया।🌺🌺🌺 अब तो तुम देर न करना बाबा ने हमें बुलाया। मेले में मिलकर सारे धूम मचाएंगे। रींगस से खाटू श्याम ध्वजा लहरायेंगे।
चलो फागन का लगा मेला, मेरा श्याम बड़ा अलबेला। खाटू के खुल गए द्वारे, मेले के गजब नजारे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेले में मिलकर सारे धूम मचाएंगे। रींगस से खाटू श्याम ध्वजा लहरायेंगे।